प्रेरणा के पंख | Prerna Ke Pankh | Motivational Hindi Stories
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प्रेरणा के पंख | Prerna Ke Pankh | Motivational Hindi Stories

Supriya Baijal

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Prerna ke pankh is a motivational podcast . I made this series for my listeners . Today in our daily lives we are facing many problems . The Stories brings some solution for us . Prena ke pankh depicts present senerio . Listen the podcast and get the benefits . "तुम जीने की हो अभिलाषा, तुम हो जीवन की परिभाषा । तुम प्राण हो तुम श्वास हो, तुम आस्था-विश्वाश हो। तुम हो मेरी आराधना मेरे मन की कल्पना मेरे जीवन की प्रेरणा |"

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लोककल्याण | वैदिक ज्ञान का दैनिक जीवन में महत्व
DEC 22, 2024
लोककल्याण | वैदिक ज्ञान का दैनिक जीवन में महत्व
वैदिक ज्ञान का दैनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक विकास में सहायक है, बल्कि जीवन को संतुलित, अनुशासित और उद्देश्यपूर्ण बनाने में भी मदद करता है। वैदिक ज्ञान प्राचीन भारतीय परंपरा का हिस्सा है, जिसमें जीवन के सभी पहलुओं—आध्यात्मिकता, नैतिकता, स्वास्थ्य, और समाज के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। 1. आध्यात्मिकता और मानसिक शांति वैदिक ज्ञान हमें आत्मा और ब्रह्मांड के संबंध को समझने में मदद करता है। ध्यान और योग, जो वैदिक परंपरा का हिस्सा हैं, मानसिक शांति और आत्मसंतोष प्रदान करते हैं। भगवद्गीता, उपनिषद, और अन्य वैदिक ग्रंथ जीवन के गहरे प्रश्नों का उत्तर देते हैं। 2. नैतिकता और जीवन के सिद्धांत वैदिक शिक्षाएं धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के चार पुरुषार्थ (जीवन के उद्देश्य) पर आधारित हैं। यह हमें सत्य, अहिंसा, दया, और ईमानदारी जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा देती हैं। 3. स्वास्थ्य और जीवनशैली आयुर्वेद, जो वैदिक ज्ञान का हिस्सा है, स्वस्थ जीवन के लिए दैनिक और मौसमी नियम बताता है। योग और प्राणायाम जैसे अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं। भोजन के संबंध में वैदिक परंपरा सात्विक आहार को प्रोत्साहित करती है, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है। 4. प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सम्मान वैदिक ज्ञान में प्रकृति और पर्यावरण को दिव्य रूप माना गया है। "वसुधैव कुटुंबकम" (संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार है) का सिद्धांत पर्यावरण संरक्षण और समाज की एकता पर जोर देता है। 5. समाज और परिवार में सामंजस्य वैदिक साहित्य में दिए गए सिद्धांत जैसे "परोपकाराय सतां विभूतयः" (दूसरों की सेवा करना सर्वोत्तम गुण है) समाज में परस्पर सहयोग और शांति का संदेश देते हैं। परिवार और समाज में सही आचरण और कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है। 6. ज्ञान और शिक्षा वैदिक ज्ञान शिक्षा का महत्व बताता है और हर व्यक्ति को आत्मज्ञान और विवेक के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्ति को सही निर्णय लेने और जीवन में संतुलन बनाए रखने की क्षमता प्रदान करता है। निष्कर्ष वैदिक ज्ञान न केवल प्राचीन काल के लिए प्रासंगिक था, बल्कि यह आज भी आधुनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए समाधान प्रदान करता है। इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने से व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत विकास कर सकता है, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा सकता है।
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वैदिक ज्ञान का दैनिक जीवन में महत्व
DEC 22, 2024
वैदिक ज्ञान का दैनिक जीवन में महत्व
वैदिक ज्ञान का दैनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक विकास में सहायक है, बल्कि जीवन को संतुलित, अनुशासित और उद्देश्यपूर्ण बनाने में भी मदद करता है। वैदिक ज्ञान प्राचीन भारतीय परंपरा का हिस्सा है, जिसमें जीवन के सभी पहलुओं—आध्यात्मिकता, नैतिकता, स्वास्थ्य, और समाज के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। 1. आध्यात्मिकता और मानसिक शांति वैदिक ज्ञान हमें आत्मा और ब्रह्मांड के संबंध को समझने में मदद करता है। ध्यान और योग, जो वैदिक परंपरा का हिस्सा हैं, मानसिक शांति और आत्मसंतोष प्रदान करते हैं। भगवद्गीता, उपनिषद, और अन्य वैदिक ग्रंथ जीवन के गहरे प्रश्नों का उत्तर देते हैं। 2. नैतिकता और जीवन के सिद्धांत वैदिक शिक्षाएं धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के चार पुरुषार्थ (जीवन के उद्देश्य) पर आधारित हैं। यह हमें सत्य, अहिंसा, दया, और ईमानदारी जैसे गुणों को अपनाने की प्रेरणा देती हैं। 3. स्वास्थ्य और जीवनशैली आयुर्वेद, जो वैदिक ज्ञान का हिस्सा है, स्वस्थ जीवन के लिए दैनिक और मौसमी नियम बताता है। योग और प्राणायाम जैसे अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं। भोजन के संबंध में वैदिक परंपरा सात्विक आहार को प्रोत्साहित करती है, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है। 4. प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सम्मान वैदिक ज्ञान में प्रकृति और पर्यावरण को दिव्य रूप माना गया है। "वसुधैव कुटुंबकम" (संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार है) का सिद्धांत पर्यावरण संरक्षण और समाज की एकता पर जोर देता है। 5. समाज और परिवार में सामंजस्य वैदिक साहित्य में दिए गए सिद्धांत जैसे "परोपकाराय सतां विभूतयः" (दूसरों की सेवा करना सर्वोत्तम गुण है) समाज में परस्पर सहयोग और शांति का संदेश देते हैं। परिवार और समाज में सही आचरण और कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा देता है। 6. ज्ञान और शिक्षा वैदिक ज्ञान शिक्षा का महत्व बताता है और हर व्यक्ति को आत्मज्ञान और विवेक के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्ति को सही निर्णय लेने और जीवन में संतुलन बनाए रखने की क्षमता प्रदान करता है। निष्कर्ष वैदिक ज्ञान न केवल प्राचीन काल के लिए प्रासंगिक था, बल्कि यह आज भी आधुनिक जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए समाधान प्रदान करता है। इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने से व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत विकास कर सकता है, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी निभा सकता है।
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12 jyotirlinga of India| Significance of Dwadash Jyotirlinga | Name and origin of jyotirlingas
DEC 15, 2024
12 jyotirlinga of India| Significance of Dwadash Jyotirlinga | Name and origin of jyotirlingas
Hello Everyone , भारत में कई शिव मंदिर और शिव धाम हैं लेकिन 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व सबसे अधिक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन 12 ज्योतिर्लिंगों में ज्योति रूप में भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं। देश के अलग- अलग भागों में शिव के ये पावन ज्योतिर्लिंग स्थित हैं। ऐसा माना जाता है, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। आइए, आज जानते हैं देश में कहां-कहां पर स्थित हैं भगवान शिव के ये 12 ज्योतिर्लिंग... 1 - गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है, जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक-तीर्थ कहते हैं। 2 - मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। 3 - मध्य प्रदेश स्थित के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन होने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है। 4 - मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में शिव का यह पावन धाम स्थित है। इंदौर शहर के पास जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ॐ का आकार बनता है। 5 - केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है। बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 6 - भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। 7 - बाबा विश्वनाथ का यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी माने जाने वाली वाराणसी शहर में स्थित है। 8 - त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के निकट ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। 9 - वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड प्रांत के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है। धार्मिक पुराणों में शिव के इस पावन धाम को चिताभूमि कहा गया है। 10 - नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के करीब स्थित है। धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों का देवता बताया गया है और नागेश्वर का अर्थ होता है नागों का ईश्वर। द्वारका पुरी से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है। 11 - भगवान शिव का यह ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में स्थित है। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की थी। भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किए जाने के कारण इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है। 12 - घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। इस स्थान को ‘शिवालय’ भी कहा जाता है।
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