संपूर्ण चैतन्य लीला | श्रील गौर कृष्ण दास गोस्वामी | 08. चैतन्य-चरितामृत (आदि 15), चैतन्य-भगवतम (आदि 8-10) | पौगंड बाल्य लीलाएँ एवं प्रथम विवाह
DEC 4, 2024101 MIN
संपूर्ण चैतन्य लीला | श्रील गौर कृष्ण दास गोस्वामी | 08. चैतन्य-चरितामृत (आदि 15), चैतन्य-भगवतम (आदि 8-10) | पौगंड बाल्य लीलाएँ एवं प्रथम विवाह
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Description
<p>श्री चैतन्य महाप्रभु की पौगंड अवस्था (8 से 10 वर्ष) की लीलाएँ उनकी अद्भुत विशेषताओं और दिव्य रूप को दर्शाती हैं। इस चरण में महाप्रभु ने बाल लीलाओं से बढ़कर कुछ और गहरी भक्ति की लीलाएँ प्रकट कीं, जो भक्तों के लिए प्रेरणादायक हैं। साथ ही, महाप्रभु का पहला विवाह भी इस समय हुआ, जो उनकी लीला के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में वर्णित है। आदि लीला के पंद्रहवें अध्याय और चैतन्य भगवतम के आठवें से दसवें अध्याय में महाप्रभु की पौगंड लीलाएँ और उनका प्रथम विवाह विस्तार से वर्णित हैं।</p>